education and studies

कृष्णमूर्ति पद्धति (KP सिस्टम) में शिक्षा और अध्ययन का विश्लेषण

KP System box education and studies

कृष्णमूर्ति पद्धति में, शिक्षा से संबंधित भविष्यवाणियाँ भाव कुंडली, संकेतकों और उप-प्रभुओं के आधार पर की जाती हैं। यहाँ शिक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले सूत्र और उनकी प्रक्रिया का हिंदी में विवरण है:

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शिक्षा के लिए मुख्य भाव (KP सिस्टम के अनुसार):

  • चौथा भाव: प्राथमिक शिक्षा, अध्ययन के लिए मानसिक शांति।
  • पाँचवाँ भाव: बुद्धिमत्ता, स्मरण शक्ति, समझने की क्षमता और रचनात्मकता।
  • नवम भाव: उच्च शिक्षा, उन्नत ज्ञान, शोध और आध्यात्मिक शिक्षा।
  • ग्यारहवाँ भाव: शैक्षिक लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति।

शिक्षा के लिए सामान्य सूत्र (KP में):

1. शिक्षा में सफलता

सूत्र:
सफलता = 4th + 5th + 9th भाव के संकेतक

  • 4th और 5th भाव के उप-प्रभुओं की जाँच करें।
  • उप-प्रभु का संबंध अनुकूल भावों (1st, 4th, 5th, 9th, 11th) से होना चाहिए।

2. उच्च शिक्षा

सूत्र:
उच्च शिक्षा = 9th भाव का उप-प्रभु + 1st, 5th और 11th भाव का संबंध

  • यदि 9th भाव का उप-प्रभु 12th भाव से जुड़ा हो, तो विदेशी शिक्षा की संभावना होती है।

3. शिक्षा में बाधाएँ

सूत्र:
बाधाएँ = 6th, 8th, या 12th भाव से उप-प्रभु का संबंध

  • यदि 4th या 5th भाव का उप-प्रभु अशुभ भावों (6, 8, 12) से जुड़ा हो, तो शिक्षा में देरी या संघर्ष हो सकता है।

विशिष्ट परिस्थितियों के लिए सूत्र

1. अध्ययन का क्षेत्र (स्ट्रीम) निर्धारित करना

सूत्र:
स्ट्रीम = 4th, 5th और 9th भाव के संकेतक ग्रह

  • बुध: गणित, वाणिज्य, संचार।
  • बृहस्पति: कानून, दर्शनशास्त्र, धार्मिक अध्ययन।
  • शुक्र: कला, साहित्य, संगीत, ललित कला।
  • मंगल: इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, रक्षा अध्ययन।

2. शैक्षिक मील के पत्थरों का समय

सूत्र:
समय = दशा + भुक्ति + अंतर (अनुकूल संकेतक)

  • दशा का ग्रह 4th, 5th, या 9th भाव का संकेतक होना चाहिए।
  • उदाहरण: यदि बृहस्पति (5th भाव का संकेतक) दशा में सक्रिय है, तो अध्ययन में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।

3. प्रतियोगी परीक्षा में सफलता

सूत्र:
सफलता = 6th भाव का उप-प्रभु + 5th, 9th और 11th भाव का संबंध

  • 6th भाव प्रतियोगिता और प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है।
  • अनुकूल उप-प्रभु परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करते हैं।

उदाहरण: उच्च शिक्षा में सफलता

स्थिति:
एक बच्चे की उच्च शिक्षा में सफलता की संभावना।
कुंडली का विवरण:

  • 4th भाव का उप-प्रभु: बृहस्पति।
  • 9th भाव का उप-प्रभु: बुध।
  • 5th भाव का उप-प्रभु: शुक्र।

विश्लेषण:

  • बृहस्पति (4th भाव का उप-प्रभु) 5th और 11th भाव का संकेतक है, जो शैक्षिक विकास सुनिश्चित करता है।
  • बुध (9th भाव का उप-प्रभु) शुक्र के नक्षत्र में है, जो 9th भाव से जुड़ा है। यह उच्च शिक्षा में सफलता दर्शाता है।
  • शुक्र (5th भाव का उप-प्रभु) रचनात्मकता और कला या वाणिज्य से संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता दर्शाता है।

लागू सूत्र:
सफलता = (4th भाव का उप-प्रभु बृहस्पति → 5th/11th भाव) + (9th भाव का उप-प्रभु बुध → 9th भाव) + (5th भाव का उप-प्रभु शुक्र → 9th भाव)।

परिणाम:
बच्चा रचनात्मक क्षेत्रों और उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा, और वाणिज्य या कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा।


KP प्रणाली: प्रतियोगी परीक्षा में सफलता का उदाहरण

स्थिति:
क्या बच्चा प्रतियोगी परीक्षा पास करेगा?
कुंडली का विवरण:

  • 6th भाव का उप-प्रभु: मंगल।
  • 5th भाव का उप-प्रभु: बुध।
  • 11th भाव का उप-प्रभु: बृहस्पति।

विश्लेषण:

  • 6th भाव का उप-प्रभु, मंगल, 11th भाव का संकेतक है → प्रतिस्पर्धा में विजय।
  • 5th भाव का उप-प्रभु, बुध, 9th भाव से जुड़ा है → उच्च शिक्षा और बौद्धिक क्षमता।
  • 11th भाव का उप-प्रभु, बृहस्पति, इच्छाओं की पूर्ति का संकेतक है।

लागू सूत्र:
सफलता = (6th भाव का उप-प्रभु मंगल → 11th भाव) + (5th भाव का उप-प्रभु बुध → 9th भाव) + (11th भाव का उप-प्रभु बृहस्पति → 9th भाव)।

परिणाम:
बच्चा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करेगा, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो विश्लेषणात्मक कौशल (बुध) की मांग करते हैं।


निष्कर्ष

कृष्णमूर्ति पद्धति में शिक्षा से संबंधित सटीक भविष्यवाणियाँ करने के लिए उप-प्रभुओं और संकेतकों का उपयोग किया जाता है। 4th, 5th, 9th, और 11th भाव के उप-प्रभुओं का विश्लेषण कर यह निर्धारित किया जा सकता है:

  • बच्चे का अध्ययन क्षेत्र।
  • शैक्षिक मील के पत्थर का समय।
  • अध्ययन में सफलता या बाधाओं की संभावना।

यह विधि शिक्षा की क्षमता का विश्लेषण करने के लिए एक सटीक और प्रभावी साधन प्रदान करती है।

1 thought on “KP System box education and studies”

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