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वास्तु शास्त्र ( Vastu Chakra ) एक वैदिक विज्ञान है, जो हमें जीवन के हर पहलू में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने का ज्ञान देता है। प्राचीन काल से ही यह विद्या हमारे घरों और भवनों की संरचना को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का मार्गदर्शन करती आई है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के चारों ओर 32 दिशाओं में 32 अलग-अलग देवी का अधिकार होता है। खासतौर पर मुख्य द्वार पर इन देवी-देवताओं का शासन होता है।
मुख्य द्वार के परिणाम देवी के स्वभाव और उनके चरित्र के अनुसार मिलते हैं। कई प्राचीन ग्रंथों में इन देवी-देवताओं का वर्णन 9×9 ग्रिड चार्ट के रूप में किया गया है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि कौन-सा देवता किस दिशा या द्वार पर शासन करता है।
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मुख्य द्वार और उनके देवता
मुख्य द्वार किसी भी घर या भवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ से ऊर्जा और सकारात्मकता प्रवेश करती है। लेकिन जब हमने वास्तु शास्त्र पर गहराई से अध्ययन किया, तो हमने पाया कि विभिन्न प्रकार के फ्लैट, बंगले, या भवनों के असामान्य आकारों के लिए मुख्य द्वार के देवी को निर्धारित करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि असामान्य आकार के फ्लैट या भवनों के लिए मुख्य द्वार के देवी को पहचानना लगभग असंभव है। इस समस्या के समाधान के लिए हमने एक नया और क्रांतिकारी तरीका खोजा है।
मुख्य द्वार के देवताओं का पता लगाने का नया तरीका
हमारे द्वारा विकसित की गई इस नई विधि के माध्यम से, अब किसी भी प्रकार के अनियमित आकार के फ्लैट, बंगले या भवन के मुख्य द्वार के देवी को आसानी से पहचाना जा सकता है।
वास्तु चक्र का उपयोग
वास्तु चक्र एक ऐसा उपकरण है जो इस प्रक्रिया को सरल और सटीक बनाता है। वास्तु चक्र का उपयोग करके, आप आसानी से यह जान सकते हैं कि आपके मुख्य द्वार पर कौन-से देवी शासन कर रहे हैं।
संयुक्त प्रभाव
कभी-कभी ऐसा होता है कि एक ही द्वार पर दो देवी का अधिकार होता है। ऐसे में इन दोनों देवी का संयुक्त प्रभाव मिलता है। उदाहरण के लिए:
- यदि एक देवता अत्यंत शुभ है और दूसरा देवता सामान्य है, तो उनके संयुक्त प्रभाव से परिणाम मध्यम या संयमित हो सकता है।
- यदि दोनों देवता अत्यंत शुभ हैं, तो मुख्य द्वार से अत्यधिक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
- इसी प्रकार, यदि दोनों देवता अशुभ हों, तो उनके प्रभाव से नकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना अधिक होती है।
वास्तु चक्र की उपयोगिता
वास्तु चक्र केवल मुख्य द्वार के देवताओं का पता लगाने तक सीमित नहीं है। यह घर, भवन, फ्लैट, और कार्यालय आदि के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की ऊर्जा का विश्लेषण करने में भी सहायक है। इसका उपयोग वास्तु दोषों का निदान करने, उनके समाधान ढूंढने, और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए किया जा सकता है।
मुख्य द्वार का महत्व
वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को “संपत्ति का द्वार” कहा गया है। यह न केवल भौतिक संपत्ति का द्वार है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम भी है।
- यदि मुख्य द्वार पर शुभ देवता शासन करते हैं, तो यह परिवार के सभी सदस्यों के लिए सुख, समृद्धि, और शांति का कारण बनता है।
- यदि मुख्य द्वार पर अशुभ देवता या वास्तु दोष हो, तो यह समस्याओं, आर्थिक हानि, और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है।
वास्तु चक्र और इसकी सरलता
वास्तु चक्र का उपयोग बेहद आसान है। यह File हर प्रकार के भवन, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, के लिए प्रभावी है।
- सबसे पहले, भवन की योजना को वास्तु चक्र के साथ मिलाएं।
- मुख्य द्वार की स्थिति का पता लगाएं।
- वास्तु चक्र की मदद से यह जानें कि उस स्थान पर कौन-से देवता शासन कर रहे हैं।
- यदि दो देवता एक ही द्वार पर शासन करते हैं, तो उनके संयुक्त प्रभाव का विश्लेषण करें।
निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र केवल दिशाओं और संरचना का ज्ञान नहीं है, यह एक संपूर्ण विज्ञान है जो हमारे जीवन को संतुलित और सामंजस्यपूर्ण बनाता है। मुख्य द्वार के देवताओं का सही ज्ञान और उनका सही उपयोग, जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग खोल सकता है। वास्तु चक्र इस दिशा में एक बेहद प्रभावी और क्रांतिकारी File है।
इस नई विधि और वास्तु चक्र के माध्यम से, अब आप आसानी से अपने घर या भवन की ऊर्जा का आकलन कर सकते हैं और इसे और अधिक सकारात्मक बना सकते हैं।
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